This is one of the most spectacular Kathak dances ever presented in the history of Hindi Cinema.The frame by frame presentation is so beautiful that one cannot deviate his eyes from the screen.Gopi Krishna really appears like Krishna as we see in paintings and photographs.
Actress Sandhya has played as Radha.
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Gopi Krishna |
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Sandhya and Gopi Krishna |
Their Dance teacher (K.Daate)is very strict in discipline and most of the dancing is picturised on his song(sung by some unknown singer).Manna Dey sings for Gopi Krishna and Lata Mangeshkar sings for Sandhya.The whole creation is composed by music director Vasant Desai and dancr dirctor Gopi Krishna.This film of V.Shantaram 'JHANAK JHANAK PAYAL BAJE'(1955) was fully devoted to classical dance'Kathak'.
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Manna Dey |
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Hasrat Jaipuri |
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Lata Mangeshkar |
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Vasant Desai |
The lyrics were penned by Hasrat Jaipuri,which are:
कड़ान कड़ान कड़ान धा !
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैय्या
जमुना के तट पे विराजे हैं
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैय्या
जमुना के तट पे विराजे हैं
मोर मुकुट सर ,कानों में कुण्डल
कर में मुरलिया ,मुरलिया , मुरलिया साजे है
इतने में दी दिखाई राधा
राधा राधा राधा,
पनघट पर से आय रही ,
घबराय रही ,शरमाय रही ,
मुस्काय रही ,बल खाय रही .
इधर बंशी में लहर सी उठी
कृष्ण के मुख पर बजने लगी
राधा की छुम छुम छननन पर ,
आप ही आप से बजने लगी ,
बजने लगी , बजने लगी।
लम्बा सा घूँघट काढ़ लिया
बंशी के सुरों पर झूम गई ,
धर सर पे गगरिया मोहन की ओऱ ही
धुम कित धुम कित घूम गई
फिर कृष्ण कन्हैय्या नटखट ने
राधा की कलैय्या थाम लई
राधा ने पुकारा
राधा ने पुकारा
हाय दई ,कोई आओ सखी ,कोई आओ सखी।
फिर हाथ छुड़ा कर बोली हटो ,
फिर हाथ छुड़ा कर बोली हटो,
अब जावों डगरिया छोड़ो मोरी .
कहा कृष्ण ने चुप रह वरना
दूँगा गगरिया फोड़ तोरी ।
राधा तब उसकी शोखी पर ,कुछ बिगड़ी भी ,
मुस्काई भी , फिर कृष्ण से पूछा ,कौन हो तुम ?
क्या नाम है जी ?क्या नाम है जी ?क्या नाम है जी ?
कृष्ण : ओ ओ ओ ओ ओ !
हमें गोप ग्वाला कहते हैं -2
और कृष्ण दिया है नाम हमें , नाम हमें ।
कोई नटवर गिरिधर कहता है -2
और कोई कहे घनश्याम हमें ।
राधा : घनश्याम नहीं तुम काले हो -2,
तुम नटखट हो मतवाले हो ,मतवाले हो ।
चितचोर हो माखन चोर नहीं -2,
सुख -चैन चुराने वाले हो ,
घनश्याम नहीं ...
राधा ने उनको हाथ दिया
और कृष्ण ने उनका साथ दिया
कुछ बात हुई कुछ घात हुई ,
इतने में सूरज डूब गया - २
राधा की पायल जाग उठी ,
दोनों में कला की लाग उठी ,
अब रैन को दीप संवारे थे
और नील गगन पे तारे थे ,
अब रैन को दीप संवारे थे
और नील गगन पे तारे थे ,
राधा को विदा के इशारे थे ,
राधा को विदा के इशारे थे ,
राधा ने आँचल बाँध लिया ,
मुरली को सम्हाला माधव ने ,
तिरकित धा ,तिरकित धा ,तिरकित धा।
In between the song lines at appropriate places the 'Boles' of dance are sung,which have not been given here.Also the kathak singer who narrates the story is not known from available sources.As I guess he can be Chaube Maharaj( real maternal uncle of Gopikrishna) who played as the competitor dancer in the climax scene of the film.