KUMARI FAIYYAZ |
YESUDAS |
JAIDEV |
A SCENE FROM THE FILM |
" नयी री लगन और मीठी बतियाँ,
पिया जाने और जिया मोरा जाने सखी |
किस किस बात पे धड़के छतियाँ ,
पिया जाने और जिया मोरा जाने सखी ,
नयी री लगन और ..."
येसुदास continues learning ,singing;
"बाल भी उलझे है ,सपने भी||
दूजे लागे है अपने भी ||
हो गए हम क्यों ऐसे दीवाने ||
पिया जाने और जिया मोरा जाने सखी,
नयी री लगन और ......".
The second composition was a होरी:
'एसो ढीठ लंगर करे बरजोरी,
और करो री,
निबल निडर न माने ,
न माने,न माने ,
ऐसो ढीठ लंगर करे बरजोरी .....'
composed in राग विहाग ,picturised on a holi scene during their music learning period.
The third song was:
‘कागा जा , जा जा जा रे |
जा रे कागा जा ।।
ला दे मोरे पिया को संदेसवा ||
कागा जा …’
in राग भैरवी .
The music learning continues with another melody in राग पटदीप :
‘ पिया नाही आये आये ,
मोरी आली कैसे करे मन समझाउं|
पिया नहीं आये .....".
This रागमालिका concludes with a sweet melody:
"बरसे बदरिया सावन की ||
सावन में उमग्यो मेरो मनवा ,
भनक सुनी पिया आवन की ||
उमड़ घुमड़ चहुँ दिसि से आयो,
बिजुरी चमके झर लावन की ||
बरसे बदरिया सावन की ...||"
sung in राग सूर मल्हार.giving an effect of भजन singing. I think this is one of the last few Raagmalikas composed by any music director of Hindi films.The ending part of the raagmalika is not available in this video clip.
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