Adinarayan Rao |
Hasrat Jaipuri |
Manna Dey |
Lata Mangeshkar |
तन मन सुलगाये,
चमकत प्रेम ज्वाला नंदलाला ||
जुल्मी याद आवन लागी ,
मोहे रोज रोज तड़पावन लागी …..
सांवरो कहाँ? मैं हूँ तिहारी ,
प्रीत की मारी , आ जा मुरारी ||
आ भी जा रसिया ,
मन मोरा प्यासा ||
नैन कमल हैं निसदिन तरसे ,
बिन बादल है झर झर बरसे ||
बिन तोरे कछु नाही भावे ,
आ रे आ मोरी थाम ले बैयाँ ||
आ भी जा रसिया …।।”
was sung by लता मंगेशकर , in राग अडाना , followed by a dance number:
“छुम छुम छुम छुम छुम्कत नाचत कन्हाई |
चाल ढाल छवि न्यारी दे दे तारी ,
तट बाजत पग नुपुर झंकारी ..” in the voice of मन्ना डे in राग सारंग .
The next song is in the voice of लता :
"जा रे जा कान्हा जा रे जा |
चलो छोडो मोरा हाथ जालिमा ,
हटो तोसे हम न बोले जालिमाँ,
कान्हा जा रे जा||"
in राग कल्याण .
Now मन्ना डे sings in राग खम्माज for Gopi Krishna showing कृष्ण persuading राधा:
"हम से न रूठो राधा,जिया न जलाओ राधा|
मुरली की तान तुम राधा |
मोरा तुम ही राग, तुम ही रंग ,तुम ही प्राण हो,
राधा प्राण हो …||".
Then happy mood is reflected by lovely कत्थक Dance pieces and both sing a duet in राग सोहिनी:
”मनमोहना पिया तू जो मिला,
मेरा खोया दिल मिल गया ||
सुन सुन सुन मोरे सांवरिया ,
रूंन झुन झुन बजे पायलिया ||
तन मन तो झूमे प्रीत भरा,
छुन छुन छुन नाचे तारों के साथ ||
मनमोहना पिया तू जो मिला ,
मोरा खोया दिल मिल गया....... ||”
in the voices of लता , मन्ना डे and chorus. Ballet comes to its end with सरगम and dance instrumental in तीन ताल . This composition was a confirmed proof of musical genius of music directorआदि नारायण राव .
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