S.N.TRIPATHI |
MANNA DEY |
LATA MANGESHKAR |
BHARAT VYAS |
FILM POSTER |
ओ अषाढ़ के पहले बादल, ओ नभ के काजल ||
विरही जनों के करुण अश्रु जल ,रुक जा रे एक पल ||
दूर दूर मेरा देश जहाँ बिखराए केश, विरहन का बनाये वेश||
प्रिया मेरी विदेश,कैसे काटे कलेश,उसे देना मेरा ये सन्देश रे||
ओ अषाढ़ के पहले बादल !!
जा रे जा ओ मेघ ओ मेरे दुःख के साथी,
चल एसे ज्यों गगन मार्ग में चलता हाथी|
मंद पवन मुह खोले चातक बोल रहा है|
बाँध कतार बगुलियों का दल डोल रहा है|
राजहंस भी उड़ते है पंखों को ताने,
मित्र विदा के समय हो रहे शगुन सुहाने|
ओ आषाढ़ के पहले बादल .......||
जाते जाते तुम्हें मार्ग में मिलेगा मालव देश,
जहाँ मोहिनी मलिनियों का मधुर मनोहर वेश!
Now लता मंगेशकर and chorus sings further:
मेघवा झिर झिर लागे बरसन,
जाय कहो तुम छाये कित सन|
तुम तो रहे परदेसन बरसन,
हम तुम्हारे दर्शन को तरसन,
प्रीत लगी तुम्हारी औरन सन ,
मेघवा झिर झिर ...||
The second part is composed in राग मियां मल्हार and the narration of मेघदूत is further sung by मन्ना डे :
"आगे तुमको मित्र मिलेगी कुरुक्षेत्र की भूमि विशाल |
महाभारत के महा युद्ध की जहाँ जली थी एक दिन ज्वाल ||
कोटि कोटि जहाँ बरस पड़े थे रिपु दल पर अर्जुन के बाण |
कमल दलों पर बरसें ज्यों तेरी बरखा के अगणित बाण ||
लता picks up the singing:
मत मार मत मार मोहे बरखा के बाण,
गोरे गाल हुए लाल अब कहना मेरा मान |
मत मार मत मार .......||
सनन सनन पवन चले,
झनन झनन झांझर बोले:
झन झना झन,झन झना झन..|
कजरा भीगे अंचरा भीगे ,भीगे रे मन की जान..||
मत मार मत मार........||
बसंत बीता बरखा आयी, अब तो विदेशिया चेत|
मेघवा अंग लगत है मेरे, लिपट लिपट रस लेत|
हाय मैं क्या करूँ? मत मार मत मार ...||
Now in third part of मेघदूत राग भूपाली has been used . मन्ना डे now reads the message of poet given to clouds:
चल आगे हिमगिरि शिखरों पर, जहाँ बांस के वृक्ष महान ||
जिनके तन को छूकर छेड़े ,पवन हठीला मीठी तान ||
उस संगीत के साथ गरजकर, जागे पशुपति नाथ महान ||
जिनकी तान में तान मिलाकर, गाती हैं किन्नरियाँ गान ||
Then लता मंगेशकर sings in राग भूपाली a melodious शिव -स्तुति :
ॐ नमः शिवाय ||
शंकर त्रिलोचन अर्धांग गौरी, शिर गंग धारी ||
गले मुंड की माल ,कटी सोहे मृग छाल |
हर हर महादेव कल्याण कारी || शंकर त्रिलोचन ......||
The first video clip attached shows upto here.
The second clip shows the last part composed in राग ललित ,singers being the same.It is:
दूर देख अलकापुरी जहाँ मेरी प्रिया नार,
झुकी हुई बैठी थकित लिए विरह का भार||
Now Lata sings:
चातकी मेरी दो अँखियाँ बार बार पुकारती ||
विरहिणी रो रो उतारे आंसुओं की आरती ||
तुम बसे परदेस प्रीतम प्राण भी संग ले गए ||
क्या हुआ अपराध जो बदले में ये दुःख दे गए ,सुख ले गए ||
जग लगे अंगार सा, श्रृंगार मैं न संवारती ||
चातकी मेरी दो अँखियाँ बार बार पुकारती ...||
This is one of the most typical रागमालिका in which the whole poetry of this great संस्कृत Epic'मेघदूत ' written by कालिदास is expressed in हिंदी. Poet भरत व्यास has done a masterpiece work for Hindi Film Screen.One will enjoy poetry,music and dance all the three together in this presentation. .
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