Saturday, May 12, 2012

A TRIBUTE TO MY MOTHER


श्रीमती मालती मिश्र
( 28-10-1931 से 1-8-2010)


मेरी माँ का एक दिन अचानक इस दुनिया से नींद में सोते हुए चले जाना ,हमारे लिए बहुत बड़ा आघात था।शायद वह जिंदगी का  सबसे बुरा दिन था ।माँ का इस तरह चला जाना आज भी बहुत अखरता है ।

माँ चली गयी कहाँ हमको छोड़कर 
अपने बच्चों से अचानक मुह मोड़कर।  
अनहोनी एक सुबह ऐसी थी घटी        
हम सभी तो जागे मगर माँ नहीं  उठी। 
सोते ही में माँ के पंछी प्राण के उड़े 
हम अवाक रह गए बुत बने खड़े,
अब कभी न सुन सकेगी माँ हमारी बात 
किसके चरण छू के लेंगे हम आशीर्वाद ?
माँ ने मुश्किलों में सदा धैर्य बंधाया 
ज़िन्दगी की कठिन राहें चलना सिखाया। 
जो हो पास उसमें ही संतोष को रखना 
कर्म को ही धर्म बताया था समझना ।
अब ख़ुशी के मौके कैसे बीतेंगे भला
माँ की याद आएगी रुंध जायेगा गला,
ज़िन्दगी में माँ की कमी रहेगी सदा 
जब तक खुद हम ज़िन्दगी से लेंगे अलविदा।। 


आज के दिन माँ को हमारा शत शत नमन !
My family with mother
younger daughter Smita with mother
With my sisters Krishna,Aruna,grandson Siddhartha,grand daughters Ajita & Jaya


With brother Rakesh 
MOTHER'S DAY:13th MAY,2012.  
Let us sing in the praise of all mothers of the world.