Saturday, October 2, 2010

TERE SUR AUR MERE GEET(LATA MANGESHKAR AND BISMILLAH KHAN)

Lata Mangeshkar


Shehnai Nawaz Bismillah Khan


VASANT DESAI


BHARAT VYAS


Rajendra Kumar


AMEETA
यह गीत राग विहाग में निबद्ध है | लता जी की गायकी और वसंत देसाई जी का संगीत संयोजन अभूतपूर्व है जो हमारे मन को बाँध लेता है | इस  गीत की आत्मा है बिस्मिल्लाह खान जी की मधुर शहनाई, जो उन्होंने फिल्म गूँज उठी शहनाई (१९५९) के लिए बजाई थी |लता जी के मीठे सुरों और बिमिल्लाह खान साहेब की बेजोड़  शहनाई का ऐसा  संयोग फिर कहाँ मिलेगा | दोनों ने मिल कर राग विहाग की जो अवतारणा की है वह सुनते ही बनता है  | इसीलिए  इक्यावन वर्षो बाद भी यह संगीत रचना अपनी मोहकता बनाये हुए है | कवि भारत व्यास ने ऐसे सहज व सुन्दर शब्द संयोजन से गीत को लिखा है ,जो एक बार सुनते ही याद हो जाता है ,क्योंकि इसके मुखड़े  'तेरे सुर और मेरे गीत ' में बहुत व्यापकता है | पूरा गीत इस प्रकार है :
तेरे सुर और मेरे गीत, दोनों मिल कर बनेगी प्रीत||
धड़कन में तू है समाया हुआ, ख्यालों में तू ही तू छाया हुआ |
दुनिया के मेले में लाखो मिले, मगर तू ही तू दिल को भाया हुआ | 
मैं तेरी जोगन तू मेरा मीत ||
मुझको अगर भूल जाओगे तुम,मुझसे अगर दूर जाओगे तुम |
मेरी मोहब्बत में तासीर है, तो खिंच के  मेरे पास आओगे तुम |
देखो हमारी होगी जीत ||
दोनों मिल कर बनेगी प्रीत || 
तेरे सुर और मेरे गीत ..||. 

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