Producer Vijay Bhatt's 'RAM RAJYA' was one of the most popular movies of that early era of Hindi Cinema. It was released in the year 1943. Even Mahatma Gandhi saw this film,appreciated it and also advocated the thought of 'RAM RAJYA' for our country.In this film,music director शंकर राव व्यास created a very beautiful रागमाला .He used the string of raagas:बहार ,केदार ,यमन कल्याण ,गौड़ सारंग ,खम्माज ,काफी ,बागेश्री and again बहार for composing this raagmalika.The Lyrics of it were written by Ramesh Gupta which are:
"राजा रामचंद्र की जय!
देखो देखो राम राज्य में चहुँ दिश अजब उजियाली है। सुख सम्पति से हरी भरी इस भारत की फुलवारी है।।
"राजा रामचंद्र की जय!
देखो देखो राम राज्य में चहुँ दिश अजब उजियाली है। सुख सम्पति से हरी भरी इस भारत की फुलवारी है।।
कहीं यज्ञ हवन ,कहीं वेद पठन,गो माता की रखवाली है| गो माता की रखवाली है ||
हरे भरे हैं खेत,अन्न जल मिले सदा भर पेट । झूमती डाली डाली है,झूमती डाली डाली है ।। वणिकों को व्यापार ,धर्म का ब्राह्मण पर सब भार,सूत को सेवा प्यारी है । जो ब्राह्मण प्रतिपाल क्षत्रिय,सुखी सब प्रजा हमारी है।। कहीं गीत मध्य ध्वनि ताल मिले,कहीं पायल की झंकार मिले| स प ग प ग म स नि प ......छुम छुम छननन छुम छुम ........।।
हरे भरे हैं खेत,अन्न जल मिले सदा भर पेट । झूमती डाली डाली है,झूमती डाली डाली है ।। वणिकों को व्यापार ,धर्म का ब्राह्मण पर सब भार,सूत को सेवा प्यारी है । जो ब्राह्मण प्रतिपाल क्षत्रिय,सुखी सब प्रजा हमारी है।। कहीं गीत मध्य ध्वनि ताल मिले,कहीं पायल की झंकार मिले| स प ग प ग म स नि प ......छुम छुम छननन छुम छुम ........।।
कहीं मस्त वसंत तरंग में है ,कहीं काम रति के संग में है। कहीं अबीर गुलाल तरंग रचा ,कहीं भर भर झोली फाग सजा। उन्माद भरी कहीं होली है ।।
कहीं सूरज चंदा जगमग से ,कहीं दीपक तारों से लगते । श्रृंगार भरी दीपावली है ।।
देखो देखो राम राज्य में चहुँ दिश अजब उजियाली है । सुख सम्पति से हरी भरी इस भारत की फुलवारी है | इस भारत की फुलवारी है ।।
राजा रामचंद्र की जय ,राजा रामचंद्र की जय ।।