Tuesday, August 25, 2009

KALIDAS'S 'MEGHDOOT' AS A RAAGMALIKA IN FILM:KAVI KAALIDAS(1959)

S.N.TRIPATHI
MANNA DEY
LATA MANGESHKAR
BHARAT VYAS
FILM POSTER
In the year 1959, veteran music director of Hindi films एस. एन.त्रिपाठी ,directed as well as composed music for the film कवि  कालिदास .This film was based on the life of great Sanskrit scholar and poet Kalidas.He composed very appropriate and melodious music in this period film.He composed two raagmalikaas in this film ,which was a tough job. This movie was partly coloured, showing the great creations of Kalidas such as:ऋतु  संहार ,अभिज्ञान  शाकुंतलम  and मेघदूत  in colour.Music director S.N.Tripathi(श्री नाथ त्रिपाठी)   composed one रागमालिका  for the narration of Ritu Samhaar and the other for the narration of Meghdoot. Here we will discuss the superbly composed raagmalika for the narration of मेघदूत , in which raagas मेघ  मल्हार , मियां  मल्हार , भूपाली  and ललित  were used in a sequence.The first part composed in मेघ  मल्हार is sung by मन्ना  डे .Here poet is  sending the clouds(MEGH) as his messanger (DOOT), saying to them:
ओ अषाढ़ के पहले बादल, ओ नभ के काजल ||
विरही जनों के  करुण  अश्रु जल ,रुक जा रे एक पल ||
दूर दूर मेरा देश जहाँ बिखराए केश, विरहन का बनाये वेश||
प्रिया मेरी विदेश,कैसे काटे कलेश,उसे देना मेरा ये सन्देश रे||
ओ अषाढ़ के पहले बादल !!
जा रे जा ओ मेघ ओ मेरे दुःख के साथी,
चल एसे ज्यों गगन मार्ग में चलता हाथी|
मंद पवन मुह खोले चातक बोल रहा है|
बाँध कतार बगुलियों का दल डोल रहा है|
राजहंस भी उड़ते है पंखों को ताने,
मित्र विदा के समय हो रहे शगुन सुहाने|
ओ आषाढ़  के  पहले बादल .......||
जाते जाते तुम्हें मार्ग में मिलेगा मालव देश,
जहाँ मोहिनी मलिनियों का मधुर मनोहर वेश!
Now लता  मंगेशकर  and chorus sings further:
मेघवा झिर झिर लागे बरसन,
जाय कहो तुम छाये कित सन|
तुम तो रहे परदेसन बरसन,
हम तुम्हारे दर्शन को तरसन,
प्रीत लगी तुम्हारी औरन सन ,
मेघवा झिर झिर ...||
The second part is composed in  राग  मियां  मल्हार  and the narration of मेघदूत  is further sung  by मन्ना  डे :
"आगे तुमको मित्र मिलेगी कुरुक्षेत्र की भूमि विशाल |
 महाभारत के महा युद्ध की जहाँ जली थी एक दिन ज्वाल ||
कोटि कोटि जहाँ बरस पड़े थे रिपु दल पर अर्जुन के बाण |
कमल दलों पर बरसें ज्यों तेरी बरखा के अगणित  बाण ||
लता  picks up the singing:
मत  मार  मत  मार मोहे बरखा के बाण,
गोरे गाल हुए लाल अब कहना मेरा मान |
मत मार मत मार .......||
सनन सनन पवन चले,
झनन झनन  झांझर बोले:
झन झना झन,झन झना झन..|
कजरा भीगे अंचरा भीगे ,भीगे रे मन की जान..||
मत मार मत मार........||
बसंत बीता बरखा आयी, अब तो विदेशिया चेत|
मेघवा  अंग लगत है मेरे, लिपट लिपट रस लेत|
हाय मैं क्या करूँ? मत मार मत मार ...||
Now in third part of मेघदूत  राग  भूपाली  has been used . मन्ना  डे  now reads the message of poet given to clouds:
चल आगे हिमगिरि शिखरों पर, जहाँ बांस के वृक्ष महान ||
जिनके तन को छूकर  छेड़े ,पवन हठीला मीठी तान ||
उस संगीत के साथ गरजकर, जागे पशुपति नाथ महान ||
जिनकी तान में तान मिलाकर, गाती हैं किन्नरियाँ गान ||
Then लता मंगेशकर  sings in राग  भूपाली  a melodious शिव -स्तुति :
ॐ नमः शिवाय ||
शंकर त्रिलोचन अर्धांग गौरी, शिर गंग धारी || 
गले मुंड की माल ,कटी  सोहे मृग छाल |
हर हर महादेव कल्याण कारी || शंकर त्रिलोचन ......||
The first video clip attached shows upto here.
The second clip shows the last part composed in राग  ललित ,singers being the same.It is:
दूर देख अलकापुरी  जहाँ मेरी प्रिया नार,
झुकी हुई बैठी थकित  लिए विरह का भार||
Now Lata sings:
चातकी मेरी दो अँखियाँ बार बार पुकारती ||
विरहिणी रो रो उतारे आंसुओं की आरती ||
तुम बसे परदेस प्रीतम प्राण भी संग ले गए ||
क्या हुआ अपराध जो बदले में ये दुःख दे गए ,सुख ले गए ||
जग लगे अंगार सा, श्रृंगार मैं न संवारती ||
चातकी मेरी दो अँखियाँ बार बार  पुकारती ...||
This is one of the most typical रागमालिका  in which the whole poetry of this great संस्कृत Epic'मेघदूत ' written by कालिदास is expressed in हिंदी. Poet भरत  व्यास  has done a masterpiece work for Hindi Film Screen.One will enjoy poetry,music and dance all the three together in this presentation.       .                                                  

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